Wednesday, 2 June 2021

नसीहतें

(अपने बेटे को ताकीद करते वक़्त ज़हन में आईं चंद वो नसीहतें जो हमें विरसे में मिली हैं. ये हमारे पुरखों की नसीहतें भी हैं और उनकी दुआएँ भी. इन्हें ना सिर्फ़ हम अगली पीढ़ी को सौंपना चाहेंगे, बल्कि इन पर ख़ुद भी अमल करना चाहेंगे.)


घबरा  गया अगर तू  नफ़रत  से आज मिल  के

होंगे  बता   कि  पूरे  कैसे  ये  ख़्वाब दिल  के

 

हसरत  जगाए  दिल  में  वो आफ़ताब1   बन  तू    

ठंढक पड़े  ज़हन  में जिस  शख़्सियत2  से  मिल के  

 

नज़रें  टिकी  रहें  बस  मंज़िल की ओर  हर दम

हर ज़ख़्म  को  सहे  तू  हाथों से अपने सिल  के

 

किस्मत   लिखेगा  अपनी   अपने   ही   बाज़ुओं   से

भटके  कभी   नहीं  तू   पर   दायरों   से   दिल   के

 

हर  बात  में   सदाक़त3 लहज़ा  नरम मगर  हो

सबको सुकूँ  मिले बस  तुझसे  ज़रा सा मिल  के

 

बोली   तेरी   हो ऐसी   मीठी    शहद   सरीखी

बैरी   गले  लगा  ले  सूरजमुखी  सा  खिल  के

 

अपने   किसी   बयाँ   से ना  तू  कभी  मुकरना

हर शख्स दे मिसाल तेरे हर्फ़4 – ए – मुस्तक़िल5 के

 

फौलाद   सा   जिगर   हो    पर   नर्म    हो  तबीयत

अदबी6  रवायतों  से   गुज़री   मगर   हो   मिल   के

 

हिम्मत  मिले   सभी   को   पा   कर   तेरा   सहारा

दर   से    जाए  वापस   कोई   बग़ैर   मिल   के

 

तारीफ़  की  ललक  ना  बदनामियत का  खटका

दुनिया  कहे  कि देखो  जलवे  ये  मोतदिल7  के

 

लहराएगा  ज़मीं  पर  परचम8  तेरे  हुनर    का

ख़्वाहिश  जगा सके गर दिल में तू  संगदिल9  के

 

मंज़िल  हुई   है  हासिल  ऐसा   तभी   समझना

जब साथ चल सके तू इस ख़ल्क़10–ए-मुज़्महिल11 के




1.       आफ़ताब = सूरज

2.       शख्सियत = व्यक्तित्व

3.       सदाक़त = सच्चाई, हक़ीक़त

4.       हर्फ़ = अक्षर; बात

5.       मुस्तक़िल = मज़बूत, पक्का, अटल, स्थिर, स्थाई, दृढ़, क़ायम

6.       अदबी = साहित्यिक

7.       मोतदिल = संतुलित, मध्यम प्रकृति का;

8.       परचम = झन्डा

9.       संग दिल = पत्थर दिल; कठोर हृदय का

10.    ख़ल्क़ = अवाम, जनता, (दुनिया के) लोग

11.    मुज़्महिल = उदास, कमज़ोर, थका हुआ; सुस्त, शिथिल


5 comments:

  1. बहुत खूबसूरत । यह हम सभी के लिए एक सीख की तरह है , निश्चय ही यह बातें हमें हमारे पुर्वजों ने सिखाई हैं जिन्हें हम भूल गए हैं । बच्चों के बहाने एक बार फिर याद करने का मौका मिला। बधाई हो ऐसे ही लिखते रहें।

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  2. बहुत उन्दा लिखा है...उम्मीद है की आगे भी ऐसी बेहतरीन रचनाओं के मुन्तज़िर रहेंगे।

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  3. बहुत उन्दा लिखा है| आगे भी ऐसी बेहतरीन रचनाओं के मुन्तज़िर रहेंगे...

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