Sunday, 25 May 2025

बालक का प्रश्न

हँस कर पूछा बालक ने, माँ!

कौन  तुम्हें  है सबसे  प्यारा 

पापा, भैया, दीदी  या  फिर 

कोई    नन्हा   राजदुलारा !


मुस्काई  माँ  प्रश्न कठिन सुन

एक नज़र देखा  बालक को

छोटा सा था कल तक तो ये 

देखो अब इसके नाटक को!


मनोविनोद  की  ये  तरकीब 

छुटकू  ने  जाने  कब  सीखी

कल तक घुटनों चलने वाले 

को, आज अचानक क्या सूझी 


लगा टकटकी बालक अब तक

अपनी   माँ  को  देख  रहा  था 

चेहरे  के  उन  सब  भावों  को 

आते   जाते   देख    रहा    था 


फिर मौन  तोड़ कर  माँ बोली

हर   रिश्ता   न्यारा    होता  है 

जग  में  जो   अपना  होता  है 

वो   सब  से  प्यारा  होता   है 


जैसे  तुझको  प्यारे  हैं  सब 

गुड्डे   गुडिया खेल  खिलौने 

वैसे  ही   मुझको  प्यारे  हैं

मेरे   सारे    रिश्ते    अपने 


बाँधा  सबको   इक  डोरी  से 

कैसे   उसको   तोड़  सकूँगी

किसी एक के लिए किसी को 

इक  पल ना  मैं  छोड़ सकूँगी


फिर  भी  तू  सबसे  छोटा है 

मेरी   आँखों   का  तारा   है 

पापा,   भैया,   दीदी   प्यारे 

पर  तू  तो  सबसे प्यारा है!


 

No comments:

Post a Comment